top of page

नवग्रह व्रत पूजा विधि

नवग्रह व्रत की विधि और विधान:-

 

1. व्रत का संकल्प:

  • व्रत शुरू करने से पहले मन में संकल्प करें कि आप यह व्रत ग्रहों की कृपा पाने और दोषों को दूर करने के लिए कर रहे हैं।

  • सुबह जल्दी उठें, साफ-सुथरे कपड़े पहनें।

 

2. स्नान और पूजा की तैयारी:

 

  • स्वच्छ पानी से नहाएं।

  • पूजा स्थल को साफ करें और वहाँ लाल कपड़ा बिछाएं।

  • नवग्रहों की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

  • पूजा के लिए अक्षत (चावल), दीपक, अगरबत्ती, फूल, फल, जल, हल्दी, कुंकुम, गंगाजल और नैवेद्य तैयार रखें।

 

3. पूजा की विधि:

 

सबसे पहले नवग्रह मंत्रों का जाप करें-

 

  1. ॐ सूर्याय नमः

  2. ॐ चन्द्राय नमः

  3. ॐ मङ्गलाय नमः

  4. ॐ बुधाय नमः

  5. ॐ बृहस्पतये नमः

  6. ॐ शुक्राय नमः

  7. ॐ शनैश्चराय नमः

  8. ॐ राहवे नमः

  9. ॐ केतवे नमः

 

  • हर ग्रह को अक्षत, फूल, और जल अर्पित करें।

  • दीपक जलाएं और घी का दीपक घुमाएं।

  • आरती करें।

 

4. विशेष अनुष्ठान:

 

  • व्रत के दिन सात्विक भोजन करें (प्याज-लहसुन न खाएं)।

  • नवग्रह स्तोत्र या नवग्रह शांति पाठ करें।

  • अपने मन के दुख, कष्ट और ग्रह दोषों के निवारण के लिए प्रार्थना करें।

 

5. सेवा और दान:

 

  • व्रत के दौरान गरीबों को भोजन कराएं या कोई दान दें।

  • यह सेवा ग्रहों की कृपा पाने का विशेष तरीका है।

 

6. व्रत का समापन:

 

  • व्रत पूरी श्रद्धा और भक्ति से समाप्त करें।

  • नवग्रहों का धन्यवाद करें और जीवन में सुधार के लिए संकल्प लें।

  • यज्ञ या पूजा में शामिल होकर आहुति दें।

 

7. व्रत अवधि:

 

  • नवग्रह व्रत 1 दिन से लेकर 9 दिन तक किया जा सकता है, जैसे नवग्रह नवमी व्रत।

  • यदि समय कम हो तो कम से कम 1 दिन का व्रत करें और पूजन करें।

 

🙏 नवग्रह व्रत का महत्व:

 

  • यह व्रत जीवन के कष्टों को कम करता है।

  • मानसिक शांति और स्वास्थ्य में सुधार करता है।

  • परिवार में सुख-समृद्धि लाता है।

  • सेवा भाव और संयम का विकास करता है।

bottom of page